
सुखी रहे संसार, महके दामन दुआओं से,
ना चेहरा ढकना पड़े ना हवा में ज़हर घूला हो,
ना किसी का भी प्रियजन किसी से कभी जुदा हो।
भरी रहे झोली सबकी सुंदर कामनाओं से,
आओ शुरुआत करें नववर्ष की शुभकामनाओं से।
करें प्रण, नवल इच्छाओं से रंजित पग आगे धरेगें,
शक्ति बनके निर्बल की सबको साथ लेकर चलेंगे,
जन जीवन में भरे जोश की खुशबू आती रहे हवाओं से,
आओ शुरुआत करें नव वर्ष की शुभकामनाओं से।
हां ! हर बार की तरह संघर्ष चलेगा इस साल भी,
हां ! हर बार की तरह उठेंगे नए सवाल भी,
पर नहीं घबराएंगे हम कड़वी आलोचनाओं से,
आओ शुरुआत करें नववर्ष की शुभकामनाओं से।
अतीत में लगी चोटों को और ना कुरेदने देंगे,
सांप्रदायिकता की भावना को और ना बढ़ने देंगे,
‘भारतवर्ष एक है’ यही गूंज उठे भारत के गलियारों से,
आओ शुरुआत करें नववर्ष की शुभकामनाओं से,
सुखी रहे संसार, महके दामन दुआओं से।